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Bihar Teacher Vacancy : बिहार टीचर नियुक्ति में अब डमी फॉर्म पर फाइट, शिक्षक संघ नई रणनीति बनाने में जुटे जानिए संपूर्ण जानकारी

Bihar Teacher Recruitment 2023 : नमस्कार दोस्तों आज के इस आर्टिकल में आप सभी का स्वागत है जिसमें आप सभी को बताएंगे कि  Bihar में BPSC के जरिए हो रही 1.7 लाख टीचर Bharti को लेकर कई तरह के कंफ्यूजन हैं. ये भी कहा जा रहा है कि अभ्यर्थियों से dummy form भरवाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि सरकार की ओर से ये जानने की कोशिश की जा रही है कि आखिर परीक्षा में कितने अभ्यर्थी शामिल होंगे। इससे जुड़ी सभी जानकारी हमने नीचे आर्टिकल में दिया है आप आर्टिकल को अंत तक अवश्य पढ़ें।

बता दे Bihar Teacher Bharti 2023  Bihar में टीचर नियुक्ति को लेकर लाई गई नई नियमावली पर संघ Vs सरकार की लड़ाई चल रही है। तू डाल-डाल तो मैं पात-पात की तर्ज पर मुकाबला है। नई नियमावली का विरोध जारी है। सभी जिलों और प्रमंडलों में आयोजित धरने के बाद 10 June को भितिहरवा से प्रतिरोध मार्च निकाला गया। हस्ताक्षर अभियान के साथ समर्थन पत्र भी मांगा गया। मिली जानकारी के अनुसार लगभग 100 विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों से नई नियमावली के विरोध में समर्थन दिया है। इसके बरक्स धीरे-धीरे सरकार भी शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया को एक-एक कर लाती जा रही है। पहले तो BPSC को नियुक्ति का अधिकार दे दिया गया। फिर इस परीक्षा के लिए सिलेबस तैयार किया गया। परीक्षा की तिथि निकाल दी गई। अब शिक्षक नियुक्ति को लेकर Dummy Form भरवाने का नया खेल भी रच डाला। अब इस नए खेल के विरुद्ध शिक्षक संघ के भीतर भी कुलबुलाहट हो रही है।

सरकार की ‘चाल’ पकड़ी गई 

बता दे विरोध प्रदर्शन के लगातार उग्र होते देखते हुए राज्य सरकार ने एक नया प्रयोग किया है। इसके तहत नियोजित शिक्षक या नए अभ्यर्थी इन सबों से एक Dummy Form भरवाया जा रहा है। सरकार की मनसा ये देखने की है कि क्या सचमुच नियोजित शिक्षक परीक्षा नहीं देंगे या कितने नहीं देंगे? इस Form को भरवाने का मकसद इसी के बहाने सरकार ये जानना चाहती है कि क्या सच में नियोजित शिक्षक BPSC परीक्षा में शामिल होंगे या नहीं? परीक्षार्थियों की सही संख्या भी सरकार जानना चाहती है ताकि संभावित परीक्षार्थियों के अनुकूल व्यवस्था करने में सहूलियत होगी।

बदल सकती है विरोध की रणनीति जानें 

सरकार की ओर से शिक्षक नियुक्ति के पहले Dummy Form भरने की प्रक्रिया से शिक्षक और संघ दोनों हैरान हैं। वे लोग ये समझने की कोशिश भी कर रहे हैं कि इस Dummy Form के विरुद्ध क्या रणनीति अपनाई जाए? इस संदर्भ में एक प्रस्ताव आया कि नियोजित शिक्षकों से शपथ पत्र भरवाया जाए कि वे BPSC की परीक्षा का Form नहीं भरेंगे। दूसरा प्रस्ताव ये है कि संघ पंचायत स्तर तक जाकर कॉन्विंस करे कि वे न तो Dummy Form भरे और ना ही परीक्षा का Form। मगर अब तक ये निर्णय नहीं हो पाया कि सरकार के Dummy Form का जवाब किस तरह से दिया जाए।

क्या कहते हैं शिक्षक नेता जानिए 

बता दे कि शिक्षक नेता शैलेंद्र शर्मा का मानना है कि ये Dummy Form का जो खेल शुरू हुआ है, वो सरकार और संघ के बीच लुकाछिपी है। संघ और शिक्षक के बीच भी गेम चल रहा है। याद कीजिए जब संघ मूल्यांकन का विरोध करता है तो यही शिक्षक बैकडोर से मूल्यांकन भी कर आते हैं। इसलिए मुझे तो लगता है कि ये नियोजित शिक्षक Form भरेंगे। हो सकता है कुछ प्रारंभिक, मिडिल और उत्क्रमित शिक्षक न भरें। दरअसल, शिक्षक संघ से जुड़े नेता अपनी राजनीति चमकाने के लिए कभी भाजपा के दरवाजे पर जाते हैं तो कभी वाम दल के पास। मगर, निदान कहीं से नहीं निकल रहा है। संघ कमजोर हो गया है। क्या संघ में इतनी ताकत है कि वो राजद का विरोध करे? आरजेडी ने मैनिफेस्टो में समान काम के लिए समान वेतन के बारे में कहा था कि सरकार में आते ही पहली बैठक में 2 अक्टूबर 1980 वाली सारी सुविधाएं दिलाएंगे। आज तो तेजस्वी यादव डिप्टी सीएम हैं। जाकर उनके आवास पर जिंदाबाद-मुर्दाबाद कीजिए न? मगर ऐसा होगा नहीं, वो इसलिए कि राजनीतिक लोग संघ में आ गए हैं।

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